
अब केंद्र सरकार चीन के समान का बहिष्कार करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई उच्च स्तरीय बैठक में फ़ैसला लिया गया की चीन के समान का आयात कम किया जाए। इसके लिए सरकार ने उद्योग जगत से से सस्ते और खराब गुणवत्ता वाले चीनी उत्पादों के बारे में जानकारी मांगी है।
सूत्रों के हवाले से बताया गया कि उद्योग जगत बहुत जल्द चीनी सामानों की लिस्ट तैयार करके केंद्र की मोदी सरकार को भेजेगा, ताकि उन पर जल्द से जल्द प्रतिबंध लगाया जा सके।
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इसी बीच भारत की आम जनता भी चीनी समान के बॉयकॉट के लिए अभियान तेज कर दी है। एक तरफ़ चीन के मोबाइल ऐप्स जैसे की Tiktok, VidMate, UC Browser, UC News, ShareIT, Xender इत्यादि को जनता अपने मोबाइल से हटा रही है। वही दूसरी तरफ़ चीनी मोबाइल कम्पनीज़ के मोबाइल अब कोई नही ख़रीद रहा। इसका सबसे बड़ा उदाहरण की Oppo अपना नया मोबाइल भारत में लॉंच करना चाहती थी उसे कैन्सल कर दिया गया है।
इस बीच चीनी के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि चीनी सामान के बहिष्कार से दोनों देशों के बीच संबंध प्रभावित होंगे। चीनी सामानों का बहिष्कार भारत और चीन के संबंधों को बिगाड़ देगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई उच्च स्तरीय बैठक:
हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय में एक उच्च-स्तरीय बैठक आयोजित की गई थी। इसमें आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे बढ़ाने के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। इसके बाद उद्योग जगत से चीन से आने वाले कच्चे माल के उत्पादों और सस्ते प्रोडक्ट्स के बारे में जानकारी मांगी गई है।
आपको बता दें की भारतीय मार्केट में चीन का मोबाइल फोन, दूरसंचार उपकरण, खिलौने जैसे समान भरे पड़े हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था को नुक़सान होता है और पूरा फ़ायदा चीन को मिलता है। भारत के आयात में 14% हिस्सेदारी सिर्फ़ चीन की है। ऐसे में अगर भारत के लोग और सरकार चीनी समान का बहिष्कार कर दें तो चीन की हेकड़ी निकलने में देर नही लगेगी।
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चीन का डर साफ़ दिखने लगा – ग्लोबल टाइम्स में रोना शुरू :
चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने अपने 21 जून के संपादकीय में लिखा की भारत में चीनी सामानों के बहिष्कार की मुहिम तेज़ हो चुकी है। भारत में चीन के समान बहिष्कार का असर चीनी कंपनियों पर पड़ेगा।
अख़बार ने लिखा की भारत में चीन विरोधी अभियान बहुत तेज हो चुका है इसका नकारात्मक प्रभाव चीनी कम्पनीज़ पर पड़ रहा है। इससे चीन की कम्पनीज़ का भारत में व्यापार करने की संभावनाएं मिट्टी में मिल रही हैं। भारत में चीनी सामानों और मोबाइल ऐप का बहिष्कार किया जाने लगा है। इसका असर चीन भारत के द्विपक्षीय संबंध के साथ चीनी कम्पनीज़ पर पड रहा है।
अख़बार का कहना है कि – चीनी सामानों के बहिष्कार से भारत में चीनी वस्तुओं और कम्पनीज़ का विस्तार प्रभावित होगा। भारत में चीनी ऐप और डेटा गोपनीयता के बारे में भी चिंता व्यक्त की जा रही है और ऐसी स्थिति में टिकटलॉक और वीचैट जैसे ऐप का बाजार प्रभावित होगा।
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विश्लेषक के अनुसार, चीनी ऐप को हटाने से उन कंपनियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है जो भारतीय बाजार में प्रवेश करने की योजना बना रही थीं। भारतीय मीडिया गाल्वन में हुई घटना को बहुत आक्रामक ढंग से दिखा रहा है। कई मीडिया में भारत के द्वारा सैन्य प्रतिक्रिया के बारे में भी बात की जा रही है।
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हमारा सिर्फ़ इतना कहना है की चीन को समझाने का वक़्त आ चुका है। देश की जनता अब चीन को सबक़ सिखा कर रहेगी। आप भी अपना योगदान कीजिए और चीनी सामानों और उसके ऐप्स का बहिष्कार करिए।
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