Ghost Stories in Hindi : 100+ भूतिया कहानियां हिंदी में

Ghost Stories in Hindi : स्वागत है दोस्तो, कई लोग हिंदी की भूतिया कहानियां पढ़ना पसंद करते हैं। इसलिए हमने यहाँ कोशिश की है कि जितनी भी अच्छी और नई Hindi Ghost Stories हैं वो यहाँ पर पब्लिश की जाएँ, ताकि प्रिय पाठकगण यहाँ पर पब्लिश की गई 100 से ज़्यादा हिंदी भूत कहानियां (Hindi Ghost Stories) पढ़ सकें।

Ghost Stories in Hindi

Ghost Stories in Hindi

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आइए यहाँ पर दी गई Ghost Stories in Hindi पढ़ते हैं और उस अनजान डर के साये में कुछ पाल जीने की कोशिश करते हैं, जो कभी किसी को दिखाई ही नही देता है।

#1 Story : Ghost in the Train and My Journey (ट्रेन में भूत और मेरी यात्रा)

हिंदी भूत कहानी का सारांश : ये एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो ट्रेन से अपने घर जाने के लिए निकला था. इस Ghost Stories in Hindi में आप जानेंगे की आख़िर उस ट्रेन यात्रा में उसके साथ भूतिया घटना कैसे घटी और क्या वो ज़िंदा बच कर अपने घर पहुँच पाया. आइए पढ़ते हैं एक डरावने भूत की कहानी हिंदी में :-

भूत कहीं भी देखे जा सकते हैं, चाहे सुनसान जंगल में हों या भीड़ भरे शहर में। यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि भूत-प्रेत केवल कब्रिस्तानों या सुनसान जगहों पर रहते हैं, बल्कि वो कहीं भी अपनी जगह बना लेते हैं। इनसे सिर्फ़ कुछ ही जगह बचती हैं, जो हैं मंदिर जैसे भगवान के निवास स्थान।

क्या आप कभी ट्रेन के बारे में सोच सकते हैं कि उसमें भी भूत हो सकता है। आज मैं आपको यहाँ पर एक ऐसी ही घटना के बारे में बताने वाला हूँ जब ट्रेन में भूत दिखाई दिया था।

मेरा नाम अंकित है और मैं भोपाल का रहने वाला हूँ। बात उस समय की है जब मैं दिल्ली में एक आईटी कंपनी में काम करता था। दिवाली की छुट्टियों बिताने के लिए मैं दिल्ली से ट्रेन पकड़ कर अपने घर के लिए चला था। जिस कोच में मैं था उसमें मुश्किल से 10 लोग रहें होंगे पूरी ट्रेन ही ख़ाली थी।

रात में क़रीब 1 बजे ट्रेन आगरा पहुँची थी, तभी प्लेटफ़ॉर्म पर कुछ खाने के लिए लेने गया था। ट्रेन में चढ़ते समय किसी ने आवाज़ लगाई – भाई साहेब! आवाज़ सुन कर मैं उसकी ओर मुड़ा और पूछा क्या हुआ?

तो उस आदमी ने कहा – क्या ये ट्रेन ग्वालियर जाएगी?
मैंने उसे कहा – भाई साहेब, ये भोपाल जा रही है, तो ग्वालियर होकर ही जाएगी। अगर आपको जाना हो तो इसी में चल सकते हैं, वैसे भी ट्रेन ख़ाली है। इतना सुन कर वो आदमी भी मेरे ही कोच में आ गया और मेरे सामने वाली सीट पर बैठ गया।

कुछ देर तक हम दोनों आपस में बात कर रहे थे, फिर मैं जो ख़रीदा था वो खाकर सोने लगा और वो आदमी भी सो गया। कुछ देर बाद लगभग 2 बजे मेरी अचानक से नींद खुली तो देखता हूँ की मेरे कोच की लाइट ही चली गई है। अंधेरे में मैंने सामने वाले आदमी को आवाज़ लगाई।

लेकिन उसने कोई रिप्लाई नही दिया। 2-3 बार आवाज़ लगाने के बाद भी जब कोई रिप्लाई नही आया तो मैंने सोचा वो सो गया होगा। कुछ देर बाद ही लाइट आ गई और मैंने देखा कि वो आदमी अपनी सीट पर था ही नही, जबकि ट्रेन को ग्वालियर पहुँचने में 2 घंटे और लगने थे।

फिर मेरी नज़र सीट के पास पड़े हुए एक न्यूज़पेपर में पड़ी, तो मेरे होश उड़ गए। मैं न्यूज़पेपर को उठाकर देखा तो उसमें उसी आदमी की फोटो लगी थी जो आगरा में मेरे साथ आया था और मेरे ही सामने वाली सीट में बैठा था।

उस न्यूज़पेपर में फोटो के साथ लिखा था कि आज सुबह ही एक रेल दुर्घटना में इस आदमी की दर्दनाक मौत हो चुकी है। ये न्यूज़ पढ़ते ही मेरी रूह ही काँप गई। मैं डर के मारे थर-थर काँपने लगा।

मैं अपना बैग उठाकर कोच बदलने की सोच ही रहा था, की मुझे एक आवाज़ सुनाई दी – कहा….जा…रहे…हो? आज तुम मुझसे नही बच सकते। डर के मारे मेरे शरीर का हर रोंएँ (बाल) खड़े हो गए। अब मैं वहाँ से भागकर जाना लगा की किसी ने मेरा पैर पकड़ कर खींच लिया और मैं मुँह के बल वहीं गिर पड़ा।

उठने ही वाला था कि वो आदमी मेरे सामने था। उसका शरीर खून से लथपथ और आँखें बिल्कुल लाल सुरंग देखने में बहुत ही डरावना और भयानक लग रहा था। उसको देख कर मेरी सांसे तक रुकने लगी थी। तभी मुरेना स्टेशन आ गया और ट्रेन प्लेटफ़ॉर्म पर खड़ी हो गई।

जैसी ही ट्रेन खड़ी हुई, मैं फटाक से बाहर निकला और दूसरे कोच में चढ़ गया। भगवान की कृपा से उस डरावने भूत से आज मैं बच गया। शुक्र है।

Story NameGhost in the Train and My Journey (ट्रेन में भूत और मेरी यात्रा)
WritePranjali Shukla
CategoryGhost Stories in Hindi
कहानी के पात्रट्रेन का मुसाफ़िर एक अंकित

आशा करते हैं कि डरावने भूत की यह हिंदी कहानी (Ghost Stories in Hindi) आपको पसंद आएगी। ऐसी ही कई और Story of Ghost in Hindi पढ़ने के लिए स्क्रोल करें या फिर पेज बदलें।

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