Hindi Kahaniya – अंतरिक्ष यान : दूसरे ग्रह का प्रेमी – Bedtime Moral Story in hindi
![]() |
alien love story in hindi |
Hindi kahaniya, Hindi kahani, hindi fairy tales, Hindi Story, magical angel, hindi angel story, pari kahani, pari story, latest hindi story, Hindi moral Stories, Kahanion Ka Khazana, Hindi Kahani, Panchatantra Kahani, Moral Stories, Fairy Tales in Hindi, Fairy Tales, Stories For Youth, Stories In Hindi, Hindi Moral Stories, Learning Stories, Hindi Moral Stories, Hindi Kahaniya, Fairy Tales, Magical stories, Hindi magical stories, नीले आंखो वाली परी, Hindi kahaniyan, Hindi Kahani, Hindi kahania, hindi kahaniyan, hindi naitik kahaniyan, stories in hindi, moral stories in hindi, new kahaniyan, hindi cartoon, hindi mein kahani, kahani video, story
एक समय की बात है। शहर में एक लड़की थी सीता, उसकी एक बहन थी गीता और एक बीमार माँ थी। माँ के बीमार पड़ जाने से परिवार कर्ज में आ गया था। माँ के इलाज के लिए 5 लाख रुपए की जरूरत थी। कहीं कोई कमाई का साधन ना था।
तभी एक दिन सीता ने एक स्कीम देखी
alien hindi kahani
जिसमें मंगल ग्रह की कॉलोनी में 4 साल रहकर टेस्ट करना था की वहां का वातावरण मनुष्यों के रहने के लिए सही है भी कि नही। तभी बाद में वहां पर अमीर लोग जाकर बसते। जिसके लिए हर एक व्यक्ति को जो जाना चाहता था उसे 2.5 लाख रुपए मिलते। सीता के पास और कोई रास्ता नहीं था।
उसने जाने की सूची और अपनी बहन को भी यह स्कीम बताई। तो बहन ने तो साफ मना कर दिया। पर फिर भी बाद में वह भी मान गई। सीता ने कम्पनी वालों को Contract साइन करके दे दिया और कम्पनी से 5 लाख रुपए advance में ही माँग लिए माँ के इलाज के लिए।
पर माँ का ऑपरेशन अनसक्सेसफुल रहा और वो ख़त्म हो गई। अब तो सीता और क़र्ज़ में आ गयी थी, तभी 1 दिन कंपनी वालों ने सीता से बोला उसका वजन ज्यादा है और वह अंतरिक्ष जहाज पर नहीं जा सकती और उससे कंपनी ने advance पैसे भी वापस माँगे।
kahani hindi
सीता के पास देने को कुछ भी बाक़ी ना था। उसने कम्पनी वालों को वादा किया कि वह 20 दिन में ही अपना वजन घटा लेगी। सीता ने अपना वज़न घटाने के सारे प्रयास किए। पर अभी भी वह 60 किलो की जगह 65 किलो की थी।
फिर भी जैसे तैसे सीता और उसकी बहन गीता अंतरिक्ष यान पर बैठ गए। और उन्हें अंतरिक्ष बक्से में लिटाया गया। सीता का बक्सा उसके मोटापे की वजह से सही से बंद नही हो पाया था फिर भी वह कुछ नही बोली। फिर धीरे धीरे सभी लोग बेहोश होते चले गए और कुछ देर में सभी गहरी नीद में सो गए।
काफी उचाई उड़ने के बाद अंतरिक्षयान अचानक से ख़राब हो गया। और वह रास्ते में किसी वीरान ग्रह पर क्रैश हो गया। हज़ारों यात्री अंतरिक्ष बक्से में बंद होने की वजह से आग में झुलस कर मर जाते हैं। इधर सीता का बक्सा उसके मोटापे की वजह से पूरा बंद ना हो पाया था और उसकी वजह से वह उसमें से बच निकली और अपनी बहन व थोड़े लोगों को बचा लिया।
उधर उस ग्रह में कहीं दूर से एक एलीयन इस आग को देख रहा था। उसे लगा शायद यहाँ भगवान आएँ हैं जो इतनी विशाल आग प्रगट हुयी है। और वो उस ओर चल दिया। जब वो वहाँ पहुँचा तो उसने देखा कि कुछ अलग रंग के लोग उसके ग्रह पर आए हुए हैं। तो वह उनके बारे में जानने के लिए झाड़ियों के पीछे से छुपकर उनको देखता रहा।
इधर सीता की बहन गीता, सीता को ब्लेम करने में लगी हुई थी कि सीता की वजह से ही सब कुछ खराब हो गया है। परंतु सीता एक बहुत पॉज़िटिव लड़की थी। इतना सब कुछ हो जाने के बावजूद सीता ने हिम्मत से सच्चाई का सामना किया और उसको स्वाविकार किया कि जो घटना उसके सामने घट गई थी और सीता अपनी बहन के साथ कुछ बचे लोगों की जिंदगी बचाने के लिए जंगल की ओर बढ़ने लगी कि शायद कोई मदद मिल जाए।
तभी अचानक से उसकी नज़र उस एलीयन पर पड़ी जो झाड़ियों के पीछे से उसे छिपकर देख रहा था। सीता को पहले से ही पता था की नए ग्रह पर नए लोग होते हैं, जो की एलीयन होते हैं और ये सामने खड़ा जीव उन्ही में से कोई एक है। ज़रूर ये हमारी मदद कर सकता है। सीता को उसमें एक मदद की किरण दिखायी दी।
HINDI story
सीता उसके पास जाकर उसे इशारों में समझाने की कोशिश करती है कि वाकई में क्या घटना घट गई है। सीता को इशारों में समझाता देख एलीयन अचानक से ज़ोर ज़ोर से हंस पड़ा और बोला कि मैं तुम्हारी भाषा समझ सकता हूं। ये जान सीता को काफ़ी अच्छा लगा और उसे एक मदद की उम्मीद मिली। सीता ने उस एलीयन को अपनी सारी बातें खुले विचारों से बताई।
इधर ये सब देख गीता और जो बचे कुचे लोग थे वे काफ़ी डर रहे थे। वो सोच रहे थे की इस अनजान ग्रह में ये एलीयन उनके साथ क्या करेगा। और वो उससे बात करने में क़तरा रहे थे। और उधर वो एलीयन और सीता आपस में बात कर रहे थे।
एलीयन ने सीता को भी अपने बारे में बताया। उसने बताया उसका नाम विलीयम है। और वो रास्ते से जा रहा था की उसने अचानक से जो आग देखी और वो वहाँ पे भागता चला आया।
इस नए अनजान ग्रह को देख सीता के मन में ख़्याल आ रहा था की पृथ्वी पे तो उसके लिए कुछ बचा नही है शेष तो उसके लिए व्यर्थ रोना किस बात का। अब जो कुछ भी है वह, उसकी बहन और बचे कुचे लोगों का मार्गदर्शन कर यहीं पे जीवन की आशा ढूंढ़ेगी।
Hindi kahaniya
सब लोग पैदल-पैदल विलीयम के साथ आगे बढ़ने लग गए। अभी कुछ ही दूर चले थे की कुछ और एलीयन दिखायी पड़े वो विलीयम को देखते ही उसके सामने घुटने पर बैठ गए। पता चलता है की विलीयम इस दुनिया में राजा है।
कुछ देर बाद दिखता है की कुछ लोग, दूसरे लोगों को मार रहे हैं। कुछ लोग रो रहें हैं और कुछ जमीन पर पड़े हैं। पता चला कि विलीयम का आदेश है कि इस महीने सभी को व्रत करना है। बूढ़े हों, बच्चे हों, बीमार हों, महिलाएँ हों सभी को जबरदस्ती व्रत रखेंगे।
सबको राजा का आदेश था। धीरे धीरे लोग आगे बढ़ने लग गए। थोड़ी दूर जाके वो सभी रुके और थोड़ा खाना-पीना सबने खाया और आराम किया।
इधर विलीयम को सीता बहुत अच्छी लगने लगी। उसका अच्छा व्यवहार उसको भाने लगा था। लेकिन वो यह भी देखता था की सीता अपनी बहन को लेकर बहुत परेशान है। पर उसकी बहन उसे कुछ समझती ही नही। इधर गीता को एहसास हो गया था कि अब यही जीवन है। वह वापस तो जा नहीं सकती थी तो फिर वह विलियम की तरह लालचवस सोचा की क्यूँ ना वो विलीयम से शादी करके महारानी बन जाए।
love story
पर विलीयम एक समझदार राजा था उसने उसकी लालच की मंशा समझ ली थी और वो ऐसी लालची लड़की से शादी नही करना चाहता था। उसे सीता पसंद थी।
अब विलीयम मंदिर के लिए आगे बढ़ने लगा। जिसकी वो खोज में था, तो सिर्फ़ सीता और गीता और कुछ लोग उसके साथ साथ आगे बढ़ने लगे। तभी अचानक से वहाँ से एक बूढ़ा आदमी गुज़रता है और वो विलीयम के सामने घुटने पर बैठ जाता है। बाद में विलीयम बताता है कि वह उसका चाचा था।
रॉबर्ट एलेक्जेंडर, और उनकी इज़्ज़त तो करता है पर उनसे ज़्यादा क्रूर व्यक्ति इस दुनिया में नही होगा। उन्होंने अपने समय में हज़ारों निर्दोष लोगों को मार डाला था। ये सब जानने के बावजूद भी गीता, विलीयम के चाचा रॉबर्ट एलेक्जेंडर के पास चली जाती है और उससे शादी का प्रस्ताव रखती है।
सीता उसे बहुत रोकती है पर गीता, सीता को ये कहके भगा देती है की सीता ने तो अपने लिए राजा खोज लिया है। गीता की जिंदगी तो उसी दिन बर्बाद हो गई थी, जिस उसने अंतरिक्ष यान पर जाने की स्कीम बतायी थी।
बाद में सीता को विलीयम समझता है कि गीता उसकी जिम्मेदारी नहीं है। उसके हाथ में जितना था उसने किया। कुछ दिन के बाद पता चलता है गीता को रॉबर्ट अलेक्जेंडर ने शादी करने की बजाय बंदी बना लिया है। सीता उसे बचाने पहुंचती है और गीता रो रो कर अपनी ग़लती का प्रायश्चित करती है, और यह भी बताती है की रॉबर्ट की पहले से ही आठ पत्नियाँ होती हैं। इधर गुस्से में विलियम अपने चाचा रॉबर्ट को बंदी बना देता है।
बाद में जब सीता विलीयम से रॉबर्ट की 8 पत्नियों की प्रथा के बारे में पूछती है, तो विलीयम कहता है कि यह हमारा धर्म है। ज्यादा पत्नियों को रखने की प्रथा सीता को बहुत बुरी लगती है।
फिर सीता के उन लोगों के बारे में पूछती है जिनको जबरदस्ती व्रत रखाया जा रहा था, तो विलीयम उसे भी अपना धर्म बताता है। और इसी तरीक़े से विलीयम बहुत सारी चीज़ों को अपना धर्म बताता है। सीता कहती है यह सब अन्याय है, ये ग़लत हो रहा है। तो विलीयम समझता है कि सीता नास्तिक है और वो ये सब नहीं समझ पाएगी।
और वो सभी लोग धीरे धीरे मंदिर की तलाश में आगे बढ़ जाते हैं। जिसकी खोज के लिए विलीयम स्वयं निकल पड़ा था। आख़िर ये उसके पूर्वजों की मंदिर थी। जहाँ महाशक्ति देवता अलेक्जेंडर रहते थे, जिनकी समस्त विलीयम पुश्त थी। देवता अलेक्जेंडर की मंदिर ढूँढते-ढूँढते वे लोग जंगल में कहीं वीरान में खो जाते हैं। और काफ़ी यात्रा करने के बाद विलीयम आख़िर उस मंदिर तक पहुंच जाता है।
2020 hindi story
वो एक अनोखी मंदिर देखता है, आज तक जिसे किसी ने नही देखा था। विलीयम ने सिर्फ़ अपने पूर्वजों से सुन रखा था की आख़िर देवता अलेक्जेंडर की मंदिर कैसी होगी। वो कितनी सुंदर होगी। वहाँ कितना ज्ञान होगा।
वहीं से समस्त विलीयम जाती पैदा होती है, वे लोग उस मंदिर में घुसते हैं। उन्हें काफी डर लग रहा था। वो समझ नहीं पा रहे थे, की इसमें से कौन देवता प्रगट होंगे? क्या होगा ? मंदिर के बारे में वो पूर्वजों से सुनते चले आ रहे हैं। आख़िर आज वो मंदिर उनके सामने आ ही गया।
वो सब जैसे ही मंदिर के अंदर घुसते हैं वो अचंभित रह जाते हैं। क्योंकि वहाँ कोई शक्ति नही होती है बल्कि उनके जैसे दिखने वाले 4-5 लोग होते हैं वो भी एक कंप्यूटर के अंदर दिखाई देते हैं। जो आपस में हंसी-मजाक कर रहे होते हैं।
उनकी एक डायरी मिलती है जिसको वो लिखते हुए कैमरे में रिकॉर्ड कर रहे होते हैं। उस डायरी से पता चलता है कि इस ग्रह पर मशीनों की अधिकता हो गई थी। आखिर में पेड़ों की कमी हो जाने के कारण एक विकराल महामारी से समस्त लोग मर जाते हैं।
horror story
सिर्फ़ कुछ ही जगह शेष रह जाती हैं जहां पर संक्रमण नहीं फैल पाता है और महामारी अपने चरम पर नहीं पहुंच पाती है। इन्ही जगहों को लोगों ने पवित्र जगह बताया था। और यहीं पे विलीयम के कुछ वंशज बच पाए थे। और इन्ही स्थान को लोगों ने देवता अलेक्जेंडर के मंदिर कहा था।
वो देखते हैं की कंप्यूटर में जो व्यक्ति अलेक्जेंडर के पूर्वज रह गए थे उनके पास जीवन में ज़्यादा दिन नहीं थे। तो उन्होंने आने वाली पीढ़ियों को कुछ बातें संदेश के रूप में लिखी थी। जो की उस समय उस समाज की ज़रूरत थी।
जैसे की एक महीना ऐसा होता था की जिसमें व्रत रखना चाहिए था। जो की शरीर के लिए काफी लाभदायक होता था। उस समय मौसमी संक्रमण के कारण इंसान की मृत्यु हो जाया करती थी, तो लोग व्रत का पालन किया करते थे। अगर किसी राज्य पर कब्जा हो और वहां की महिलाएं खतरे में हो तो उन सबको किसी संत या महान आदमी की शरण में चले जाना चाहिए और वे उनसे विवाह भी कर सकती थी। और विवाहित स्त्रियाँ सुरक्षित रहती थी।
और भी ऐसी बातें लिखी वो समय समाज के लिए ज़रूरी थी। और उसे विलीयम पुश्त सीधे सीधे अंध विश्वास में बिना सामाजिक तर्क के पूरा किए जा रहा था। और अंत में जाते जाते ये भी बात पता चलती है की जो व्यक्ति लिख रहे थे उन्होंने अपने हस्ताक्षर अलेक्जेंडर नाम से किए थे और मजाक- मजाक में नीचे लिख दिया था – देवता अलेक्जेंडर।
अब विलीयम एक दम चौक जाता है। उसे तो अपने व्यवहार में बहुत ग्लानि हो रही थी। वो सोच रहा था की उसने अपनी प्रजा पे कितने जुर्म किए हैं। सिर्फ़ धर्म के अंधविश्वास में जबकि धर्म को जीवन जीना सिखाता है। धर्म तो इंसान को समाज में सबसे ऊँचा ले जाता है और उसको सच्चा बनाता है।
लेकिन विलीयम ने धर्म को अंधविश्वास में पालन करते हुए बहुत ही कठोरता कर दी थी। अब वो समझ गया था कि धर्म समाज के लिए है, इंसान के लिए है, ना की अंधविश्वास के लिए।
अब विलीयम इन सब से बाहर निकलता है और वो सोचता है की अगर सच्चाई सबके सामने आएगी तो राज्य में उथल-पुथल मच जाएगी। फिर वह प्रतिज्ञा करता है की वह सच्चाई बताने की जगह नियम सुधरेगा, परिवर्तन लाएगा। और उसकी देखभाल में राज्य में कभी अंधविश्वास नही होगा। कभी जादू टोना नही होगा। लोग समाज की ज़रूरत समझेंगे। और अंत में विलीयम और सीता शादी कर लेते हैं और विलीयम अपने ग्रह का एक महान राजा आने वाले समय में सिध्द होता है। और सीता वह की महारानी बनती है।
लोग समझेंगे और अंत में दोनों सीता और का महान राजा आने वाले समय निश्चित होता है वहां की महारानी बनती है।