हिम्मत की क़ीमत – हिंदी कविता ॰ Hindi Poem – Himmat Ki Keemat

Hindi Poem – Himmat Ki Keemat : आज के समय में सभी इंसान आलसी होते जा रहे हैं। कोई भी व्यक्ति मेहनत नही करना चाहता है। सभी लोग चाहते हैं की बिना कुछ किए उनको सब मिल जाए। लेकिन आपको पता होना चाहिए की इस दुनिया में अगर आप हिम्मत नही करेंगे, तो आपको कुछ भी नही मिलने वाला। पेश है, हिम्मत के विषय पर लिखी गई एक हिंदी कविता “हिम्मत की क़ीमत है जग में”, आइए शुरू करते हैं – Himmat Ki Keemat Hindi Poem :-

हिम्मत की क़ीमत है जग में, बुज़दिली है बीमारी।
हिम्मत से जो कोई काम करेगा, ना होगी कोई लाचारी।

गांधी जी ने दिलाई हिम्मत, अंग्रेज़ों ने हार मानी।
हिंद की जनता थी दुखी, हिम्मत से बाज़ी मारी।
देश हुआ आज़ाद हमारा, ग़ुलामी से मिला छुटकारा।
शहीदों ने ख़ून से लिखा था, जय हिंद का नारा।

Himmat Ki Keemat Hindi Poem
Himmat Ki Keemat Hindi Poem

हिम्मत से देखो भगीरथ लाए, देश में गंगा की धारा।
हिम्मत से झाँसी की रानी ने, अंग्रेज़ों को ललकारा।
हिम्मत से तेन्सिह (TENSIH) ने, Everest पर झंडा गाड़ा।
इसलिए तो कहते हैं, हिम्मत है सब को प्यारा।

बुज़दिल जीवन जीने वाला, नही कुछ भी कर पाता।
उसका जीवन नीरस होता, मरघट को वो जाता।

हिम्मत की तो मदद है करता – ऊपरवाला।
जीवन के पथ पर जो भी, जोश से क़दम बढाता है।
वो इस जग में रह कर, सारी ख़ुशियाँ पा जाता।

सच कहता है रहिमन जग को, हिम्मत है शान बढ़ाता।
हिम्मत की क़ीमत है जग में, बुज़दिली है बीमारी।

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