Inquilab Zindabad : भारत में एक बहुत ही प्रसिद्ध नारा है ‘इन्कलाब जिन्दाबाद‘ इसके बारे में अक्सर प्रतिगोयी परीक्षाओं में सवाल किया जाता है. आइए यहाँ जानते हैं कि Inquilab Zindabad Slogan किसने और कब दिया था, इसका इतिहास क्या है और कैसे यह नारा भारत में आज़ादी का प्रतीक होने के साथ भारतीय मुसलमानों की देशभक्ति का प्रतीक बन गया।
हिंदी नारा | इंकलाब जिंदाबाद |
English | Inquilab Zindabad |
पॉप्युलर किसने किया | भगत सिंह |
नारा के रचनाकार | मौलाना हसरत मोहानी (Maulana Hasrat Mohani) |
मौलाना हसरत मोहानी ने दिया था क्रांतिकारी नारा ‘इंकलाब जिंदाबाद’
भारत के वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी और प्रख्यात उर्दू कवि मौलाना हसरत मोहानी का जन्म 1875 में उत्तर प्रदेश के उन्नाव में हुआ था। इस महान स्वतंत्रता सेनानी, जो कि एक प्रसिद्ध उर्दू कवि भी हैं, ने 1921 में देश के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारी नारा ‘इंकलाब जिंदाबाद (Inquilab Zindabad Slogan)’ दिया था।

हसरत मोहानी, जिनका असली नाम ‘सैयद फजल-उल-हसन’ था, एक बहुमुखी उर्दू कवि थे, जिन्होंने हसरत मोहानी के नाम से कई उल्लेखनीय कविताएँ लिखी थीं।
उनके मन में भगवान कृष्ण के प्रति अपार प्रेम और भक्ति थी जो उनके छंदों में परिलक्षित होती है। वह कृष्ण जन्माष्टमी मनाने के लिए अक्सर मथुरा भी जाते थे। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वाले हसरत मोहानी ‘बाल गंगाधर लोकमान्य तिलक’ के साथ स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए थे।
उनकी कुछ साहित्यिक कृतियों में “कुलियात-ए-हसरत मोहानी”, “शर-ए-कलाम-ए-गालिब”, “नुकत-ए-सुखान” और “मुशाहिदत-ए-जिंदन” शामिल हैं। उन्होंने गुलाम अली और जगजीत सिंह द्वारा गाए गए लोकप्रिय ग़ज़ल गीत “चुपके चुपके रात दिन” को भी लिखा था।
हसरत मोहानी को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा कई वर्षों तक जेल में रखा गया था। मौलाना हसरत मोहानी का निधन 13 मई 1951 को लखनऊ में हुआ था।
इंकलाब जिंदाबाद नारा प्रसिद्ध कैसे हुआ?
इंकलाब जिंदाबाद एक नारा था जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान लोकप्रिय हुआ। इसे एक हिंदुस्तानी मुहावरा माना जाता है जिसका अर्थ है “क्रांति लंबे समय तक जीवित रहें”।
“इंकलाब जिंदाबाद” का नारा एक उर्दू कवि हसरत मोहानी ने गढ़ा था। वह एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे और 1921 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता भी थे। हालाँकि, यह नारा भगत सिंह (1907-1931) द्वारा 1920 के दशक के अंत में लोकप्रिय हुआ था। भगत सिंह ने अपने भाषणों और लेखन के माध्यम से नारे को एक नया मूल्य दिया जो पहले संलग्न नहीं था।
इसे हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के आधिकारिक नारे के रूप में घोषित किया गया था। अखिल भारतीय आजाद मुस्लिम सम्मेलन का भी यही आधिकारिक नारा था। अप्रैल 1929 में भगत सिंह और उनके साथी ‘बी के दत्त’ ने यह नारा लगाया था।
दिल्ली में केंद्रीय विधान सभा पर बमबारी के बाद उन्होंने “इंकलाब जिंदाबाद” के नारे लगाए। बाद में यह नारा जून 1929 में उठाया गया। दिल्ली में उच्च न्यायालय में उनके संयुक्त बयान के हिस्से के रूप में यह पहली बार था कि खुली अदालत में ऐसा नारा लगाया गया था। इस तरह की बड़ी घटनाओं के बाद, यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन की रैली में से एक बन गया। यह नारा स्वतंत्रता आंदोलन के क्रांतिकारियों के लिए बहुत मायने रखता था।
भारतीय राजनीतिक उपन्यासों में, जो स्वतंत्रता आंदोलन का वर्णन करते हैं, स्वतंत्रता-समर्थक भावनाओं और भावनाओं को अक्सर क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा नारे लगाते हुए चिह्नित किया जाता है।
इन्कलाब जिन्दाबाद नारे का अर्थ
Meaning of Inquilab Zindabad in Hindi : भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में प्रसिद्ध हुए नारे ‘इन्कलाब जिन्दाबाद’ का हिंदी अर्थ होता है ‘क्रांति लंबे समय तक जीवित रहे’। अब इस नारे को एक हिंदुस्तानी मुहावरा भी माना जाता है। आज के समय भी यह नारा लोगों के दिलो-दिमाग़ में आज़ादी की अलख जगाने का काम करता है।
Inquilab Zindabad Slogan Meaning
What is the Meaning of Inquilab Zindabad : The famous slogan ‘Inquilab Zindabad’ in India’s freedom struggle in Hindi means “long live the revolution”. Now this slogan is also considered as Hindustani idiom. This slogan still works to inculcate the spirit of freedom in the hearts and minds of the people.
Inquilab Zindabad Meaning in Tamil
இந்திய சுதந்திரப் போராட்டத்தில் புகழ்பெற்ற ‘இன்குலாப் ஜிந்தாபாத்’ முழக்கத்திற்கு தமிழில் ‘புரட்சி வாழ்க’ என்று பொருள். இப்போது இந்த முழக்கம் இந்துஸ்தானி சொற்றொடராகவும் கருதப்படுகிறது. இன்றும், இந்த முழக்கம் மக்களின் இதயங்களிலும் மனங்களிலும் சுதந்திர உணர்வை எழுப்ப வேலை செய்கிறது.
Inquilab Zindabad Meaning in Telugu
భారత స్వాతంత్ర్య పోరాటంలో ప్రసిద్ధి చెందిన ‘ఇంక్విలాబ్ జిందాబాద్’ నినాదానికి తెలుగులో ‘విప్లవం చిరకాలం’ అని అర్థం. ఇప్పుడు ఈ నినాదం హిందుస్థానీ పదబంధంగా కూడా పరిగణించబడుతుంది. నేటికీ, ఈ నినాదం ప్రజల హృదయాలలో మరియు మనస్సులలో స్వేచ్ఛ యొక్క స్ఫూర్తిని మేల్కొల్పడానికి పనిచేస్తుంది.
Inquilab Zindabad Meaning in Kannada
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में प्रसिद्ध इंकलाब जिंदाबाद का मतलब कन्नड़ में क्रांति है। नारा अब एक हिंदुस्तानी मुहावरा माना जाता है। यह घोषणा आज भी लोगों के दिल-दिमाग में आजादी की भावना जगाने का काम करती है।
@Bhagat Singh Slogan Inquilab Zindabad
इंकलाब जिंदाबाद का प्रसिद्ध नारा हसरत मोहानी ने 1921 में दिया था। इस प्रसिद्ध नारे ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ विशेष रूप से अशफाकउल्ला खान, भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद की स्वतंत्रता आंदोलन की गतिविधियों को प्रेरित किया था।
‘इंकलाब जिंदाबाद’ का प्रसिद्ध नारा हसरत मोहानी ने दिया था। नारे का इस्तेमाल भगत सिंह ने भी किया था, जिन्होंने दिल्ली में सेंट्रल असेंबली पर बमबारी के बाद इसे चिल्लाया था। यह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की रैली में से एक बन गया।
यह नारा 1921 में उर्दू कवि, भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी मौलाना हसरत मोहानी द्वारा गढ़ा गया था। इसे भगत सिंह (1907-1931) ने अपने भाषणों और लेखन के माध्यम से 1920 के दशक के अंत में लोकप्रिय बनाया था। यह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का आधिकारिक नारा था, साथ ही अखिल भारतीय आज़ाद मुस्लिम सम्मेलन का नारा भी था। यह नारा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) सहित भारत में विभिन्न कम्युनिस्ट पार्टियों द्वारा भी लोकप्रिय रूप से उपयोग किया जाता है। अप्रैल 1929 में भगत सिंह और उनके सहयोगी ने यह नारा लगाया था।
The famous slogan ‘Inquilab Zindabad’ was given by Hasrat Mohani. The slogan was also used by Bhagat Singh, who shouted it after bombing the Central Assembly in Delhi. It became one of the rallying cries of the Indian independence movement.
The great freedom fighter and famous Urdu poet ‘Hasrat Mohani’ gave the revolutionary slogan ‘Inquilab Zindabad’ during the country’s freedom struggle in 1921.
इन्कलाब जिन्दाबाद के नारा है, जिसे भगत सिंह ने दिया था.
भगत सिंह ने इन्कलाब जिन्दाबाद का नारा दिया था.
इन्कलाब जिन्दाबाद का नारा भगत सिंह द्वारा दिया गया था.
पहली बार इन्कलाब जिन्दाबाद का नारा भगत सिंह ने लगाया था.
No, this slogan is given by ‘Maulana Hasrat Mohani’.