उलटी दिशा में बहने वाली नदी : भारत की नदियाँ है जो उलटी दिशा में बहती हैं? जाने इनका रहस्य, आख़िर ऐसा क्यूँ है? यहाँ पर आप भारत की उन नदियों के बारे में जानेंगे जो विपरीत/उलटी दिशा में बहती हैं।
उलटी दिशा में बहने वाली नदी
सबसे पहले इसके बारे में जान लेते हैं की ये सवाल आया कैसे?भारत की भौगोलिक परिस्थितियों को देखे उत्तर से लेकर उत्तर पूर्व तक का पूरा क्षेत्र हिमालय में या इसके किनारे बसा हुआ है।
इस वजह से उत्तर भारत, दक्षिण भारत की तुलना में समुद्र तल से ज़्यादा ऊँचाई पर है। ऐसे में हमारी ज़्यादातर नदियाँ उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर ही बहती हैं। लेकिन इनमे से कुछ नदियाँ जैसे की सोन, नर्मदा, पेरियार और ताप्ती नदी दक्षिण से उत्तर की ओर बहती हैं।
यही वजह है की हम सामान्य तरीक़े से सोचते हैं की उत्तर से दक्षिण की ओर जो नदी बहती हैं उनकी दिशा सही है। लेकिन जो नदी दक्षिण से उत्तर की ओर बहती है वो उलटी दिशा में बहती है। सच ये है की दुनिया में ऐसी कोई भी नदी नही है, जो उलटी दिशा में बहती हो।

नदी का बहाव भौगोलिक परिस्थितियों, उसके प्रवाह और वेग से तय होता है। कभी कभी कुछ प्राकृतिक कारणों की वजह या मानव निर्मित कारणों की वजह से नदी के बहाव में परिवर्तन होता है जो कि सामान्य बात है लेकिन इसे उलटी दिशा में मान लेना सही नही होगा।
अगर हम ये सोचे की नदी उलटी दिशा में बहती है, तो यह गलत सोच है। इसको आप ऐसे समझिए – अगर आप एक ग्लास पानी ज़मीन में गिरा दें तो ख़ुद बताइए की वह पानी किस तरफ बह कर जाएगा। इसका सीधा सा जवाब है जिस तरफ ढलान होगी। नदियों के साथ भी यही होता है। नदियाँ अपने उद्गम स्थान से आगे सिर्फ़ ढलान की तरफ़ बहती हैं। इसके साथ नदी की दिशा तय करने में नदी के बहाव का वेग भी एक कारण होता है।
अगर बहाव का वेग ज़्यादा तेज़ होगा तो वो अपने सामने आने वाली हर चीज़ को बहा कर ले जाएगा और कहीं से भी रास्ता बना सकता है। क्योंकि जिस जगह से तेज़ पानी का बहाव होता है उस जगह की मिट्टी भी पानी के साथ बह जाती है ऐसे में अगर उस जगह में हमेशा के लिए कोई नदी बन जाए तो कोई बड़ी बात नही है।
नदी के तल पर गाद जमने या कुछ राकृतिक कारणो की वजह से नदी की दिशा में परिवर्तन होता रहता है लेकिन यह मामूली परिवर्तन होता है लेकिन कोई नदी उलटी दिशा में बहने लगे यह नही होता।
(नोट – दुनिया में कुछ घटनाएँ हुई हैं जिसमें नदी उलटी दिशा में बहने लगी हो लेकिन यह सिर्फ़ प्राकृतिक आपदा जैसे की चक्रवात और भूकंप से उत्पन्न हुई परिस्थिति के कारण था, जो कि सिर्फ़ कुछ घंटों के लिए हुआ था)
विपरीत दिशा में बहने वाली नदी का नाम है नर्मदा। इस नदी का एक अन्य नाम रेवा भी है। नर्मदा नदी भारत के मध्य भाग में पूर्व से पश्चिम की ओर बहने वाली मध्य प्रदेश और गुजरात की एक मुख्य नदी है, जो मैखल पर्वत के अमरकंटक शिखर से निकलती है। इस नदी के उल्टा बहने का भौगोलिक कारण इसका रिफ्ट वैली में होना है, जिसकी ढाल विपरीत दिशा में होती है। इसलिए इस नदी का बहाव पूर्व से पश्चिम की ओर है। गंगा सहित अन्य नदियां जहां पश्चिम से पूर्व की ओर बहते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं, वहीं नर्मदा नदी बंगाल की खाड़ी की बजाय अरब सागर में जाकर मिलती है।
कहा जाता है कि नर्मदा को प्यार में धोखा मिल जाने के कारण ही उल्टे दिशा में चलना प्रारंभ कर दी। इस नदी से जुड़ी एक पौराणिक कथा है जिसका पुराणों में भी उल्लेख मिलता है। राजकुमारी नर्मदा राजा मेखल की पुत्री थी।
भारत में सोन, नर्मदा, पेरियार और ताप्ती नदी दक्षिण से उत्तर की ओर यानि उलटी दिशा में बहती हैं।
निष्कर्ष
कोई नदी उलटी दिशा में नही बह सकती है। आप ख़ुद सोचिए की क्या कोई नदी हिमालय चढ़ सकती है क्या? अगर ऐसा नही हो सकता तो उलटी दिशा में नदी बहती है यह सवाल ही गलत है।