संज्ञा की परिभाषा : यहाँ पर संज्ञा की परिभाषा की दी है। किसी भी भाषा को लिखने, बोलने या समझने के लिए उसके शब्दों का भेद और ज्ञान होना बहुत ज़रूरी है। हिंदी व्याकरण के शब्दभेद के द्वारा वाक्यों, शब्दों और अक्षरों में तुलना करने के साथ भाव स्पष्ट करने का मार्ग प्रदर्शित किया जाता है। संज्ञा शब्दभेद का एक महत्वपूर्ण भाग है। जिसका प्रयोग किसी प्राणी, वस्तु, स्थान आदि के बारे में जानकारी देने के लिए किया जाता है। हम यहाँ पर आपको बताएँगे कि Sangya ki Paribhasha, What is Sangya in Hindi.
संज्ञा की परिभाषा – Sangya Ki Paribhasha in Hindi
किसी भी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु या स्थान के नाम को संज्ञा कहते हैं। दूसरे शब्दों में जिस शब्द से किसी व्यक्ति, जानवर, वस्तु, स्थान, क्रिया, गुण, अवस्था आदि के नाम का बोध होता है, उसे संज्ञा कहा जाता है।
संज्ञा को English में Noun कहते हैं, इसलिए संज्ञा को समझने के लिए आपको Noun का फ़ुल फ़ॉर्म पता होना चाहिए :
- N = Name (नाम)
- O = Object (वस्तु)
- U = Universe (ब्रह्माण्ड)
- N = Nether (पाताल)
ऊपर बताए गए संज्ञा (Noun) के फ़ुल फ़ॉर्म से आप कह सकते हैं कि किसी भी नाम जैसे – ब्रम्हाण्ड, पाताल, वस्तु को संज्ञा कहा जाएगा। जो शब्द व्यक्ति, जानवर, वस्तु, कार्य, गुण, अवस्था इत्यादि के नाम का बोध कराए संज्ञा कहलाता है।
संज्ञा के उदाहरण
- व्यक्तिओं के नाम : राम, राघव, पंकज, विकास, दिनेश, राधे, सीता, गीता इत्यादि।
- जानवरों के नाम : गाय, बैल, शेर, हाथी, घोड़ा, बंदर, मुर्गी इत्यादि
- स्थानों के नाम : भोपाल, मुंबई, पंजाब, तमिलनाडु, बिहार, मेघालय, दिल्ली इत्यादि।
- वस्तुओं के नाम : पेन, पेपर, कुर्सी, बर्तन इत्यादि।
- गुण : सुंदरता, दया, सच्चाई, कमजोरी आदि।
- कार्य : काम, कर्तव्य, पसंद, आंदोलन इत्यादि।
- अवस्था : मृत्यु, जीवन, सुख, विश्राम आदि।
निष्कर्ष (संज्ञा की परिभाषा)
यहाँ पर संज्ञा की परिभाषा हिंदी में दी गई है। आशा करते हैं कि यह (Sangya ki Paribhasha, What is Sangya in Hindi) पोस्ट आपके व्याकरण ज्ञान को बढ़ाने का काम करेगी। इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया में ज़रूर शेयर करें। दूसरी परिभाषा को जानने के लिए यहाँ क्लिक करें – परिभाषा।